तूने नफ़रत का जो बाज़ार सजाया हुआ है, तू ये कहता है मुसलमान पराया हुआ है ! आ जा दिल चीर के दिखलाऊँ वतन का नक्शा, मेरा भारत मेरी सॉंसों में समाया हुआ है !!